डायरेक्टर: इंद्र कुमार
कलाकार: विवेक ओबेरॉय, रितेश देशमुख, आफताब शिवदासानी, सोनाली कुलकर्णी, ब्रूना अब्दुल्ला, करिश्मा तन्ना, कायनात अरोड़ा, मरयम जकारिया और मंजरी फडनीस
बजट: 20-22 करोड़ रु.
अगर आप एडल्ट हैं तो ग्रैंड मस्ती आपके लिए दो लिहाज से बहुत बढ़िया हैः पहला एंटरटेनमेंट और दूसरा फनी सेक्स एजुकेशन के लिए. फिल्म में आपको बताया जाता है कि सेक्स की भाषा में ए फॉर क्या होता है और बी फॉर क्या होता है...और एफ से क्या होता है. आपको कुछ मुहावरों का नए संदर्भ में इस्तेमाल भी नजर आएगा, जैसे नाम बड़े और दर्शन छोटे. आपको यह भी समझ में आ जाएगा टिक टिक घोड़ा कैसे खेलते हैं. आप यह भी समझ जाएंगे कि किसी कॉलेज की शॉर्ट फॉर्म स्लट्स भी हो सकती है.
कुछ दिन पहले बातचीत में इंद्र कुमार और कायनात अरोड़ा ने जिस तरह की एडल्ट कॉमेडी की बात कही थी, ग्रैंड मस्ती उस कसौटी पर एकदम सही उतरती है. फिल्म बोल्ड विजुअल्स और नॉन वेज जोक्स का बेहतरीन कलेक्शन है, कुछ स्पेसेस छोड़ दें तो कहीं भी उकताहट महसूस नहीं होती है. हॉट तिकड़ी (ब्रूना, मरयम, कायनात) फिल्म की जान है. बेशक फिल्म में कुछ सीन अग्निपथ, नो एंट्री या फिर कई अंग्रेजी फिल्मों से लिए गए हैं, लेकिन उनको दिया गया नया ट्रीटमेंट इस बात को बिल्कुल भी चुभने नहीं देता है.
कहानी की बात
ग्रैंड मस्ती देखते हुए कहानी की ओर ज्यादा ध्यान की ओर जरूरत नहीं है. तीन पति हैं, अपनी बिजी बीवियों से बोर हैं और कॉलेज रीयूनियन के लिए कॉलेज पहुंचते हैं. फिर अपनी ग्रैंड मस्ती की तैयारियों में जुट जाते हैं. यहीं उनकी मुलाकात तीन पटाखा लड़कियों रोज, मेरी, मारलो से होती है. फिर शुरू होता है, पतियों की सेक्स की भूख का नतीजा सामने आना. फिल्म में कुछ ऐसा नहीं है जो अप्रत्याशित हो लेकिन मजेदार डायलॉग और ऐक्टर्स के हाव-भाव खूब गुदगुदाते हैं.
स्टार अपील
रितेश देशमुख की कॉमेडी में टाइमिंग हमेशा से जबरदस्त रही है. फिल्म में उन्हें देखना वाकई मजेदार है. आफताब शिवदासानी ने अच्छा काम किया है. हालांकि विवेक ओबेरॉय भी इन दोनों के बीच खप जाते हैं. शरीफ बीवियों के रोल में सोनाली कुलकर्णी, करिश्मा तन्ना और मंजरी फडनीस जमी हैं. असली कहर बरपाया है रोज (मरयम जकारिया), मेरी (ब्रूना अब्दुल्ला) और मारलो (कायनात अरोड़ा) ने. इनकी सेक्सी अदाएं ठंडी आहें निकाल देती हैं तो वन लाइनर्स भी धमाल हैं. इस तरह की हॉट तिकड़ी वाकई धमाल है. फिल्म में बार-बार निगाहें इन तीनों को ढूंढती हैं. हालांकि रोज मेरी मारलो का कॉन्सेप्ट 2001 की हिट फिल्म स्टाइल से लिया गया है.
कमाई की बात
ग्रैंड मस्ती का बजट इंद्र कुमार ने काफी सीमित रखा है. हालांकि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में फिल्म के रिलीज न होने से इसके बिजनेस पर असर पड़ सकता है, लेकिन कम बजट फिल्म होने की वजह से फिल्म को लागत निकालने में ज्यादा मुश्किल आएगी नहीं. वैसे भी फिल्म को ए सर्टिफिकेट मिला है तो ऐसे में दर्शकों का वर्ग वैसे भी काफी हद तक सीमित हो जाता है. अगर इस वीकेंड कुछ खास नहीं है और आप एडल्ट हैं तो यह फिल्म आपके लिए ही है और पैसा वसूल है.
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